बीकानेर में आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर में एक मरीज के इलाज के बाद बकाया बिल का भुगतान न करने और अस्पताल में तोड़फोड़ करने के मामले में न्यायालय ने सख्त कार्रवाई की है। सिविल न्यायाधीश ने मरीज के परिजनों से 77,840 रुपये की वसूली के लिए उनकी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दिए हैं।

यह मामला 21 अगस्त 2023 का है, जब श्रीडूंगरगढ़ के मोडूराम नामक मरीज का सादुलगंज स्थित आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर में एंजियोप्लेस्टी ऑपरेशन किया गया था। ऑपरेशन के बाद मरीज को 25 अगस्त को छुट्टी दी गई, लेकिन इलाज के खर्च के तौर पर 77 हजार रुपये का बकाया भुगतान किया जाना था। जब परिजनों ने भुगतान नहीं किया, तो उन्होंने अस्पताल में तोड़फोड़ की और मरीज को घर ले गए।

इसके बाद, मरीज के परिजनों ने चिकित्सा विभाग में शिकायत दर्ज करवाई कि अस्पताल में चिरंजीवी योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा था। विभाग ने जांच की, और पाया कि उस समय आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर में चिरंजीवी योजना बंद थी, इसलिए मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल सकता था।

अस्पताल ने 29 अगस्त 2023 को कोर्ट में परिवाद दायर कर बकाया भुगतान की मांग की थी, और अब न्यायालय ने परिजनों से 77,840 रुपये वसूलने के लिए उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश दिया है।

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एंजियोप्लास्टी (Angioplasty):

एंजियोप्लास्टी एक चिकित्सा प्रक्रिया है, जिसका उपयोग हृदय की धमनियों में रुकावट या संकुचन (ब्लॉकेज) को दूर करने के लिए किया जाता है। यह प्रक्रिया तब की जाती है जब किसी व्यक्ति की धमनियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं, जिससे रक्त संचार में बाधा आती है और हृदय को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इस प्रक्रिया के दौरान, एक छोटा बलून (balloon) सीथ (catheter) के माध्यम से प्रभावित धमनियों में डाला जाता है, जिसे फुलाकर अवरोध को खोलने का काम किया जाता है। इससे रक्त का प्रवाह पुनः सामान्य हो जाता है और हृदय की कार्यक्षमता में सुधार होता है।

एंजियोप्लास्टी आमतौर पर उन रोगियों पर की जाती है, जिन्हें कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD) होती है, जहां हृदय की धमनियाँ अवरुद्ध हो जाती हैं। यह प्रक्रिया जीवन को बचाने के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, खासकर जब यह हृदयाघात (heart attack) के जोखिम को कम करने में मदद करती है।

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चिरंजीवी योजना (Chiranjeevi Yojana):

चिरंजीवी योजना, जिसे राजस्थान सरकार ने शुरू किया है, एक स्वास्थ्य बीमा योजना है जिसका उद्देश्य राज्य के गरीब और कमजोर वर्गों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। यह योजना विशेष रूप से उन परिवारों को लाभ देती है जो गरीबी रेखा से नीचे (BPL) या सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हुए हैं।

चिरंजीवी योजना के तहत, पात्र लाभार्थियों को अस्पताल में भर्ती होने पर इलाज की लागत का अधिकांश हिस्सा सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इसमें मुफ्त इलाज के साथ-साथ विभिन्न गंभीर बीमारियों, सर्जरी, और अन्य स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं का भी लाभ मिलता है। योजना के अंतर्गत 23 लाख से अधिक परिवारों को कवर किया गया है, और इसमें अस्पताल में भर्ती होने पर उच्चतम चिकित्सा सेवाओं का लाभ दिया जाता है।

हालांकि, इस योजना का लाभ तभी मिलता है जब योजना लागू हो और लाभार्थी की पात्रता सुनिश्चित हो। इस मामले में, जब अस्पताल ने चिरंजीवी योजना के तहत लाभ देने से इनकार किया, तो परिजनों ने शिकायत की थी, लेकिन जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उस समय अस्पताल में योजना लागू नहीं थी, जिसके कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पाया।

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