आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर, बीकानेर की कार्डियोलॉजी टीम, डॉ. बी.एल. स्वामी की अगुवाई में, कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर पहुंच रही है। हाल ही में, टीम ने 70 वर्षीय एक पुरुष मरीज में सफलतापूर्वक सीआरटी-डी (कार्डिएक रीसिंक्रोनाइजेशन थेरेपी-डिफिब्रिलेटर) प्रत्यारोपित किया। इससे पहले, मरीज की ईएफ (ईजेक्शन फ्रैक्शन) 20-25% थी, जो कि हृदय की पंपिंग क्षमता को दर्शाती है। एंजियोप्लास्टी के बाद, यह बढ़कर 30-35% हो गई, और अब सीआरटी-डी लगाने के बाद, मरीज की स्थिति में और सुधार देखा गया है।
क्या है इंट्राकार्डिक डिफिब्रिलेटर (ICD) और सीआरटी-डी (CRT-D)?
इंट्राकार्डिक डिफिब्रिलेटर (ICD) और सीआरटी-डी (CRT-D) दोनों ही उन्नत कार्डियक डिवाइस हैं जो हृदय रोगियों के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं:
- ICD (इंट्राकार्डिक डिफिब्रिलेटर): यह एक प्रकार का पेसमेकर है जो हृदय के अंदर लगाए जाने वाले डिवाइस के रूप में कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य अचानक हृदय गति रुकने (सडन कार्डियक अरेस्ट) से बचाना है। जब हृदय की धड़कन अचानक अनियमित हो जाती है, तो यह डिवाइस स्वतः सक्रिय हो जाता है और बिजली के झटके (डिफिब्रिलेशन) के माध्यम से हृदय की धड़कन को सामान्य कर देता है।
- CRT-D (कार्डिएक रीसिंक्रोनाइजेशन थेरेपी-डिफिब्रिलेटर): यह डिवाइस हृदय की पंपिंग क्षमता (ईजेक्शन फ्रैक्शन) को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, खासकर जब हृदय की पंपिंग क्षमता 35% से कम होती है। यह डिवाइस हृदय के दोनों निलयों (वेंट्रिकल्स) को एक साथ और समन्वयित रूप से धड़कने में मदद करता है, जिससे हृदय की पंपिंग में सुधार होता है और मरीज की जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी होती है।
बीकानेर में उन्नत कार्डियोलॉजी की नई शुरुआत
आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर की टीम ने अब तक बीकानेर संभाग में 12 से अधिक ऑटोमैटिक (स्वतः संचालित) इंट्राकार्डिक डिफिब्रिलेटर और सीआरटी-डी को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया है। ये उपकरण मुख्य रूप से उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं जिनकी हृदय पंपिंग क्षमता (EF) 35% से कम होती है और जो अचानक हृदय गति रुकने की उच्च संभावना के जोखिम में होते हैं।
70 वर्षीय मरीज में सफल सीआरटी-डी प्रत्यारोपण
इस 70 वर्षीय मरीज का प्रारंभिक इलाज 6 महीने पहले किया गया था, जिसमें बाईं मुख्य धमनियों (Left Main) और लेड (LAD) और एलसीएक्स (LCX) की एंजियोप्लास्टी की गई थी। उस समय मरीज की EF (ईजेक्शन फ्रैक्शन) 20-25% थी और QRS की अवधि 176 मिलीसेकंड थी, जो कि लिफ्ट बंडल ब्रांच ब्लॉक (LBBB) को दर्शाता है। सीआरटी-डी प्रत्यारोपण के बाद, QRS की अवधि में कमी आई और अब यह 114 मिलीसेकंड है, जो राइट बंडल ब्रांच ब्लॉक (RBBB) की संरचना के साथ है। इस प्रकार, मरीज की स्थिति में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
उन्नत कार्डियक उपकरणों के प्रत्यारोपण में नई ऊंचाई
आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर ने अब तक बीकानेर में सबसे अधिक संख्या में उन्नत कार्डियक उपकरणों का सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया है। यह बीकानेर और उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में कार्डियोलॉजी के क्षेत्र में उन्नति का एक बड़ा संकेत है। यह उपलब्धि इस बात का प्रमाण है कि अब बीकानेर में भी उन्नत कार्डियोलॉजी सेवाएं उपलब्ध हैं, जो सबसे जोखिमपूर्ण कार्डियक हस्तक्षेप को भी सफलतापूर्वक संभाल सकती हैं।
निष्कर्ष
आयुष्मान हार्ट केयर सेंटर में उन्नत कार्डियोलॉजी की यह नई शुरुआत बीकानेर और आसपास के क्षेत्रों के हृदय रोगियों के लिए एक वरदान है। डॉ. बी.एल. स्वामी और उनकी टीम की विशेषज्ञता और समर्पण ने इस सपने को साकार किया है, जिससे अब बीकानेर के मरीजों को अपने ही शहर में उन्नत कार्डियक उपचार की सुविधा मिल रही है। यह केंद्र अब उत्तर-पश्चिमी राजस्थान का उन्नत कार्डियक सेंटर बन गया है, जहां हर प्रकार के जटिल हृदय रोग का उपचार संभव है।