वैसे तो ईस साल अनेकों नई तकनीकों से हृदय रोगियो का इलाज किया आज एक 300 mm hg ब्लड pressure वाले मरीज़ का रीनल डिनर्वेशन थेरेपी से गुर्दे की ब्लड कि नसों के चारो ओर पायी जानें वाली नर्व्स को जलाकर बीपी के मरीज़ का परमानेंट इलाज किया जिसमे बीपी की दवाये निकट भविष्यँ मे कम होने ,कुछ मरिजो कि बी पी की दवा बन्द भी हो सकती है,साथ ही बीपी stabilise होगा जिससे लकवा एवम् हार्ट अटैकं का ख़तरा कम होगा।अभी ये थैरेपी resistant htn के केसेज मैं कारकर साबित हुई ।काफी कामयाब तकनीक है जो अब बीकानेर मैं भी इसकीशुरुआत कर दी गई है।आगे वीडियो देखे ।बिना चीर फाड़ के छोटे से छेद से ईस ओपरेशन को किया जाता है

आज के चिकित्सा जगत में, हृदय रोगों का इलाज लगातार नई तकनीकों के माध्यम से उन्नत हो रहा है। ऐसी ही एक क्रांतिकारी तकनीक है रीनल डिनर्वेशन थेरेपी, जो उच्च रक्तचाप (ब्लड प्रेशर) से पीड़ित मरीजों के लिए अत्यधिक प्रभावी साबित हो रही है। बीकानेर में भी इस तकनीक का सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है, जिससे मरीजों को बिना किसी बड़े ऑपरेशन के रक्तचाप नियंत्रित करने में मदद मिल रही है।

रीनल डिनर्वेशन थेरेपी क्या है?

रीनल डिनर्वेशन थेरेपी एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें गुर्दों (किडनी) की नसों के चारों ओर स्थित नर्व्स को नष्ट कर दिया जाता है। ये नर्व्स ब्लड प्रेशर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं। जब इन्हें जलाया जाता है, तो नर्व्स का कार्य बाधित हो जाता है और ब्लड प्रेशर स्थिर होने लगता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से, 300 mm Hg तक के उच्च रक्तचाप वाले मरीजों का भी इलाज किया जा सकता है, जिससे ब्लड प्रेशर के निकट भविष्य में कम होने की संभावना बढ़ जाती है।

प्रक्रिया कैसे काम करती है?

रीनल डिनर्वेशन थेरेपी एक मिनिमली इनवेसिव (कम चीरा-फाड़ वाली) प्रक्रिया है। इस थेरेपी को करने के लिए, डॉक्टर एक छोटे से छेद के माध्यम से मरीज के शरीर में कैथेटर डालते हैं, जो किडनी की नसों तक पहुंचता है। इस कैथेटर के माध्यम से रेडियोफ्रीक्वेंसी एनर्जी का उपयोग करके नर्व्स को नष्ट किया जाता है। प्रक्रिया के बाद, मरीज का ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे नियंत्रित होने लगता है और भविष्य में मरीज को ब्लड प्रेशर की दवाओं की आवश्यकता कम हो सकती है।

रीनल डिनर्वेशन थेरेपी के फायदे

  1. दवाओं की आवश्यकता में कमी: इस थेरेपी के बाद, कुछ मरीजों के ब्लड प्रेशर की दवाएं पूरी तरह से बंद हो सकती हैं। इसके अलावा, जो मरीज दवाएं लेते हैं, उनकी मात्रा में भी कमी आ सकती है।
  2. ब्लड प्रेशर स्थिर होता है: थेरेपी के बाद, मरीज का ब्लड प्रेशर स्थिर हो जाता है, जिससे लकवा और हार्ट अटैक का खतरा कम हो जाता है।
  3. न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया: इस थेरेपी को बिना चीर-फाड़ के छोटे से छेद से किया जाता है, जिससे मरीज को तेजी से रिकवरी होती है।

किन मरीजों के लिए है उपयुक्त?

यह तकनीक खासकर उन मरीजों के लिए उपयोगी है जिनका ब्लड प्रेशर पारंपरिक दवाओं और अन्य उपचारों से नियंत्रित नहीं हो पा रहा है, जिसे चिकित्सा भाषा में Resistant Hypertension कहा जाता है। ऐसे मामलों में, रीनल डिनर्वेशन थेरेपी एक सफल और स्थायी समाधान हो सकता है।

बीकानेर में इस तकनीक की शुरुआत

हाल ही में, बीकानेर में भी इस नवीनतम तकनीक का उपयोग शुरू हो गया है। यहां के डॉक्टरों ने 300 mm Hg तक के ब्लड प्रेशर वाले मरीज का सफलतापूर्वक इलाज किया है, जिससे यह साबित हुआ है कि यह तकनीक बीकानेर के हृदय रोगियों के लिए एक नई उम्मीद बनकर आई है।

Read Also: बीकानेर में पहली बार: हार्ट की नसों में जमे चुने को आर्बिटल एथीरेक्टॉमी से सफलतापूर्वक हटाया गया

निष्कर्ष

रीनल डिनर्वेशन थेरेपी उच्च रक्तचाप के उपचार में एक महत्वपूर्ण क्रांतिकारी कदम है। इसकी सफलता दर और मरीजों के लिए लाभकारी प्रभाव इसे भविष्य में और अधिक लोकप्रिय बना सकते हैं। बीकानेर में इस तकनीक की उपलब्धता ने यहां के हृदय रोगियों के लिए एक नया और प्रभावी इलाज का विकल्प प्रदान किया है। यह थेरेपी न केवल ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मददगार है, बल्कि इससे जुड़े अन्य गंभीर जोखिमों को भी कम करती है।

आगे की जानकारी के लिए, आप इस तकनीक पर आधारित वीडियो देख सकते हैं, जो इस प्रक्रिया को और भी स्पष्टता से समझाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This field is required.

This field is required.